What is a premium, and how is it calculated?
Insurance what is a buyers premium, What is a Premium, what is a premium everfiप्रीमियम (Premium) क्या है और इसकी गणना कैसे की जाती है?
तो दोस्तों आज की इस नए टॉपिक में बात करते ही इंश्योरेंस के प्रीमियम (Premium) के बारे में आप पैसे बहुत से लोग ऐसे होंगे जिन्होंने इंश्योरेंस प्रीमियम (Premium) लिया होगा
या फिर व्हाट्सएप लोग ऐसे होंगे जिन्होंने जो इंश्योरेंस लेने का सोच रहे थे आपके मन में भी एक चीज आ रही होगी कि हमको मंथली या क्वार्टरली प्रीमियम (Premium) को पेपर इतना बड़ा का जो कि हम जिस भी इंश्योरेंस अमाउंट पर हम लेंगे उसका हमें प्रीमियम पे करना होगा तो चलिए जानते हैं
इसको भी प्रीमियम एक्चुअली कैलकुलेट कैसे होता है और आपका प्रीमियम (Premium) कैसे डिसाइड होता कि आप कितना प्रीमियम देंगे और कितना नहीं

दोस्तों प्रीमियम आपका ऐसे ही डिसाइड नहीं होता उसके लिए कुछ फैक्टर होता है जिस जो आपकी प्रीमियम (Premium) को डिवाइड करता है कि आप में अगर वह सारी चीज है तो आपका प्रीमियम काम होगा और आप अगर आपके कुछ बेड
और गुड क्वालिटीज को देखा जाता है जब आप इंश्योरेंस कंपनी से इंश्योरेंस बाय करते हैं तो कुछ फैक्टर होते हैं जो आपके गुड्स फैक्टर में आते हैं कुछ बाद फैक्टर में आते हैं
तो हम इसके बारे में जानेंगे कि अगर आपके उन फैक्टर में अगर आप उन लिस्ट में आते हो तो आपका प्रीमियम बढ़ जाता है या फिर काम हो जाता है तो चलिए उसके बारे में जानते हैं कि वह कौन-कौन से फैक्टर है जिसके कारण आपका प्रीमियम बढ़ता है या फिर घटना है.
What is a Premium, and how is it calculated?
Age

तो प्रीमियम में हमारा सबसे पहले फैक्टर आ जाता है जिससे हम ऐसे अच्छा भी देख सकते यार ऐसा बुरा भी देख सकते जैसे हम आगे कहते हैं उम्र यानी आपकी जितनी ज्यादा उम्र होगी उतना आपका ज्यादा प्रीमियम होगा
और जितने आपकी कम उम्र होगी उतना आपका कंपनी में होगा तो अगर आपको लगता है कि आपको ली प्रीमियम में ज्यादा से ज्यादा कर का आपको इंश्योरेंस चाहिए तो आपतो आप हमेशा यह ध्यान में रखें कि
आप जब भी कभी इंश्योरेंस ले तो आप जल्दी से जल्दी करें मतलब आप जितने कम उम्र में अपना इंश्योरेंस लेंगे उतना जल्दी आपको उसका कवर का फायदा मिलेगा और उतना ही ज्यादा आपको प्रीमियम कम देना पड़ेगा.
Sum insured

दोस्तों भरी इंश्योरेंस कंपनी आपको सम इंश्योर्ड अमाउंट पर ही आपको प्रीमियम पे करती है जैसे कि अगर आपका एक करोड़ का कवर है या फिर 2 करोड़ का कवर है
तो उसके हिसाब से जितना आपका कर आएगा या फिर जितना टाइम के लिए आपको ले रही है या फिर जितना टाइम के लिए आप उसे प्रीमियम को भरेंगे उसके हिसाब से वह प्रीमियम कैलकुलेट होता है
और वह तब जाकर ही आपको प्रीमियम दिया जाता है मतलब अगर आपका जितना ज्यादा बड़ा कर होगा या फिर सब इंश्योरेंस अमाउंट आपका जितना बड़ा होगा उतना ही ज्यादा आपको प्रीमियम देना पड़ेगा.
Existing diseases

दोस्तों इंश्योरेंस के बढ़ने का तीसरा सबसे जो में फैक्टर है वह है आपका प्रिय एक्जिस्टिंग डिजीज जब भी आप कभी किसी इंश्योरेंस कंपनी से इंश्योरेंस बाय करते हैं
तो सबसे पहले वह इंश्योरेंस कंपनी आपका मेडिकल टेस्ट करवाती है अगर आपकी मेडिकल टेस्ट में कुछ भी आपका परी एक्जिस्टिंग डिसीजन दिख गया या फिर उनको पता चल गया कि आपको कोई मतलब बीमारी है
या फिर पहले से ही कोई बीमारी है बचपन से कोई बीमारी है जिसका कोई सॉल्यूशन नहीं है तो आपका प्रीमियम वह पहले से ही कर देते या फिर ज्यादा कर देते हैं जिसके कारण अगर आपकी कभी जल्दी डेथ हो जाती है
या फिर आपको या फिर आप कभी भी कभी हॉस्पिटल्स हो जाते हैं तो उसका खर्चा ज्यादा होगा या इंश्योरेंस कंपनी को पहले ही पता चल जाता है इसके कारण वह प्रीमियम पहले ही ज्यादा हाई कर देती है.
BMI

चौथा सबसे बड़ा फैक्टर आता है वह आपका बीएफ है मतलब बॉडी मास इंडेक्स अगर आपकी बॉडी के हिसाब से अगर आपका वेट नहीं है या फिर आपकी बॉडी बहुत ज्यादा बड़ी है
आपका वेट बहुत ज्यादा बड़ा है लेकिन आपकी हाइट से वह मैच नहीं होता तो उसके हिसाब से आपको आगे जाकर कुछ डिजीज हो सकते और आपको कुछ चीजों का कुछ सामना करना पड़ सकता है
इसलिए इंश्योरेंस कंपनी आपको पहले से ही प्रीमियम एक्स्ट्रा चार्ज कर लेते या फिर उसे हिसाब से भी आपका प्रीमियम बढ़ जाता है.
Lifestyle Habits

और इस चीज में लास्ट सबसे बड़ा जो फैक्टर आता है वह लाइफस्टाइल हैबिट क्योंकि आज के टाइम पर हमारी जो लाइफस्टाइल हैबिट है वह बहुत ज्यादा बिगड़ चुकी है
पहले के जमाने में ऐसा होता था कि वह बहुत ज्यादा ऑइली फूड जंक फूड नहीं मिलता था तो हम हमारी लाइफस्टाइल बहुत अच्छी थी और हम बहुत हेल्दी और अच्छे रहते थे हमें कोई डिजीज नहीं होता था
लेकिन आज के टाइम पर हमारी लाइफस्टाइल ऐसी हो गई है कि हम बहुत ज्यादा हाली फूड बाहर का फूड जंक फूड खाते हैं बाहर जाते रहते हैं खाने पीने को बहुत ज्यादा मसाले की फूड्स खाते रहते तो उसके कारण हमारी बॉडी पर बहुत ज्यादा इफेक्ट पड़ता है
और हमारी बॉडी खराब होने लगती है और बहुत जल्दी हमें बहुत एक अलग-अलग डिसीजंस होते फॉर एग्जांपल अगर आप बहुत ज्यादा शुगर का कंजूमर करते हो तो आपको आगे जाकर डायबिटीज हो सकती है
यह सारी चीज इंश्योरेंस कंपनी को पहले ही पता होती है इसलिए इंश्योरेंस कंपनी पहले आपसे पूछते हैं कि आपकी जो लाइफस्टाइल है वीडियो वह कैसे हो उसकी डिसीजन पर आपको कर दिया जाता है
और उसके बाद ही आपका प्रीमियम सेट किया जाता है तो अगर आपकी लाइफ स्टाइल अच्छी है तो ठीक है वरना अगर आपकी लाइफ स्टाइल अगर थोड़ी सी बिगड़ी हुई है
या फिर आप बहुत ज्यादा पैसा वेस्ट करते हो या फिर बहुत ज्यादा बाहर का खाते हो अपनी बॉडी पर ध्यान नहीं देते तोइंश्योरेंस कंपनी आपका प्रीमियम ऑलरेडी बढ़ा देगी और आपको बड़ा की प्रीमियम सेट करके दिया जाएगा जो कि आपको भरना ही पड़ेगा.

Conclusion
तो दोस्तों यह थे कुछ इंपोर्टेंट टिप्स या फिर इंर्पोटेंट फैक्ट्स अगर आप इंश्योरेंस लेने जा रहे तो आपको पता चल जाए पता चलेगा कि आपका इंश्योरेंस अगर बढ़ा हुआ है तो क्यों बधाई और आपको यह भी पता चल जाएगी इंश्योरेंस के प्रीमियम क्यों बढ़ते हैं और क्यों विचार उसे कंपनी आपसे ज्यादा प्रीमियम चार्ज करती है.
Bonus tip
तो दोस्तों जब भी आप बीमा लेने की सोचते हैं, या आपके मन में बीमा लेने का विचार आता है, या आपके पास बीमा से संबंधित कोई व्यक्ति आता है, या कोई एजेंसी आती है, तो सबसे पहले आपको उनके बारे में सारी जानकारी एकत्रित कर लेनी है, फिर अगर आप खुद तय करते हैं कि आपको बीमा लेना है, तो सबसे पहले बीमा से संबंधित जानकारी फिर से प्राप्त कर लें, जो कि आपको हमारी वेबसाइट basicfinancehub या किसी अन्य वेबसाइट पर मिल जाएगी, जिससे आपके सही बीमा लेने और धोखाधड़ी से बचने के चांस कम हो जाएंगे।